ख़ालिक़ को आग कहाँ लगी?
स्कूल की दीवार पर कमर लगाए खड़े ख़ालिक़ के बड़े भाई नूरुद्दीन अंसारी ने अपने घर की देहरी की तरफ इशारे करते हुए कहा, "यहाँ आकर वो चिल्लाया था, अब्बा बचाओ. उसके चिल्लाने की आवाज़ से ही मेरी आँख खुली थी. अम्मी रो रही थीं. अब्बा उसे कपड़ों में लपेटने की कोशिश कर रहे थे. तब मैंने पुलिस को फ़ोन किया." "ये 28 जुलाई, सुबह 6 बजे की बात है. उससे पहले क़रीब साढ़े चार बजे अम्मी ने देखा था कि ख़ालिक़ बिस्तर पर नहीं है. तब अब्बा बोले कि वो मैदान गया होगा, आ जाएगा. लेकिन जिस हालत में वो घर लौटा, उसे मैं बयान नहीं कर सकता." "उसने हमें बताया कि वो मनराज पुर गाँव के पास दौड़ने गया था. वहाँ चार लोगों ने उसे पकड़ लिया और उस पर मिट्टी का तेल डालकर आग लगा दी. हमने यही जानकारी उन पुलिसवालों को दी थी जो उसे लेने घर आये थे और उसे चंदौली के ज़िला संयुक्त अस्पताल ले गए थे." स्थानीय पुलिस के अनुसार जब ख़ालिक़ अंसारी को ज़िला अस्पताल ले जाया जा रहा था, तो उसने कहा था कि घटना मनराजपुर नहीं, बल्कि छतेम के पास हुई. उसके बाद चंदौली ज़िले के पुलिस अधी क्षक संतोष कुमार सिंह के ...